Credits:
- Singer: Navin Tripathi
- Lyrics: Pandit Kiran Mishra
- Music Director: Navin-Manish
- Language: Hindi
- Edit & Gfx : Prem Graphics PG
- Label: Music Nova
जय गणेश गिरिजा सूत स्वामी
पूरन करो मनोरथ स्वामी
जय गणेश गिरिजा सूत स्वामी
पूरन करो मनोरथ स्वामी
प्रथमेश गणराज को साद झुकाओ शीश
सिद्ध करे हर कार्य को श्री गणेश जगदीश
जिनके हजारों नाम है दिव्य हजारों धाम
जहा रहें गणराज जी पूर्ण हो सारे काम
हात जोड़ विनती करो बुध्दि दे बुद्धि के नाथ
सिद्ध करे हर कार्य को शीश रहे नित हात
बड़े सहज हे देवता करते जग कल्याण
सारे प्राणी नित करे श्री गणेश गुण गान
जय गणपति भगवान करो मेरा कल्याण
जय गणपति भगवान करो मेरा कल्याण
मंगलकारी नाम है मंगलकारी काम
मंगल मूर्ति की कृपा बरसे आठो याम
नाम की माला को जपो भक्तो भक्तो शत शत बार
दिव्य देव रक्षा करे भक्ति से करो पुकार
सिंदूरी गजबदन है आदि गणेश का रूप
रुचिकर फल और फूल संघ अर्पण चंदन धुप
अति उदार गणपति मेरे करते सब स्वीकार
भूके है भक्ति भाव के सब पे करे उपकार
जय गणपति भगवान करो मेरा कल्याण
जय गणपति भगवान करो मेरा कल्याण
लंबोदर भगवान है वक्रतुंड एकदंत
चमत्कार करते सदा आदि न जिनका अंत
श्रद्धा भक्ति भाव से शरण में जो भी जाय
मनोकामना पूर्ण हो मनोवांछित वर पाए
दिव्य रूप का जो करे भूलेसे उपवास
चंद्र समान कलंक लगे समझो उनका विनाश
शिवानंद गुरु सूत प्यारे गणेश्वर कहलाय
रिद्धि सिद्धि के बुद्धि के स्वामी श्री गणराय
जय गणपति भगवान करो मेरा कल्याण
जय गणपति भगवान करो मेरा कल्याण
गणपति नाम की महिमा जानू
प्रथम देवता सृष्टि का मानु
सकल अमंगल हारी भगवन
ध्यान वंदना करलो पूजन
चर और अचर के स्वामी देवा
भक्ति भाव से कर लो सेवा
रिद्धि सिद्धि संग आ जाएंगे
भक्तो का घर भर जाएंगे
जहा हो पूजा लंबोदर की
विघ्न शक्तियां वहाँ न रेहती
विघ्न हरण हैं श्री गणराजा
चारो और खुशिया है बरसती
श्री गणेश के नाम से शुरू करो हर काम
सारे विघ्न मिट जाएंगे संकट हारी नाम
आदि देव गणपति विघ्नेश्वर
नाम अनेकों है देवेश्वर
वक्रतुंड गज शेष विशाला
श्री गणेश भक्तन प्रतिपाला
गजमुख दिव्य चतुर भुजेश्वर
सिंदूरी अनुपम परमेश्वर
गजानन की अचरज माया
अद्भुद और सुन्दर है काया
जय जय कार करो गणपति की
सच्चे मन की विघ्न हरण की
गन देवा की भक्ति वंदना
पूर्ण करेगी सकल कामना
भक्तों के रक्षक प्रभु दुष्टो के है काल
भक्ति भाव से पूजिये सबको करे निहाल
रिद्दी सिद्धी विद्या बुद्धि की
मान बढ़ाते है गणपति जी
देवो के देव जहा है रेहेते
वहा भूमि जागृत कर देते
सबकी कामना सिद्ध है करते
हर अभाव संपूर्ण है करते
जहा भक्ति हो गणराजा की
वहाँ कृपा हो सब देवा की
जय जय कार करो सब मनसे
भक्ति भाव दिखाएं तनसे
चरणों में देव के शीश झुकाओ
मन वांछित फल पल में पाओ
जो गणेश पूजन करे
करते वंदन ध्यान
देते उन्हें वरदान है वक्रतुंड भगवान
बड़े उदार है मंगल मूर्ति
भक्ति भाव से करो आरती
दुःख दारिद्र्य मिटा देते है
भक्ति की ज्योत जगा देते है
सुख संपत्ति देंगे गणराजा
दुखों से मुक्त करे गणराजा
मंगलकारी है गणराजा
सबपे दया करे गणराजा
शत शत वंदन शत अभिनंदन
शिवानंद जय गौरी नंदन
कार्तिकेय भ्राता का वंदन
खुशियों से भरे मन आँगन
श्री गणेश भगवान की
महिमा अगम अपार
दीनबंधु के चरण में
नमन हो बारंबार
द्वादश नाम का सुमिरन कर लो
वरदानों से झोलियाँ भर लो
प्रथम देव वक्रतुंड कहलाये
दूजे देव एकदंत कहाये
कृष्ण पिंगाक्ष नाम तीजा है
गजवक्रम शुभ नाम चौथा है
पांचवा नाम शुभ लंबोदर है
छठा विकट में वो अति सुंदर है
विघ्न राज सप्तम शुभ नाम
धूम्र वर्ण अष्टम गुणधान
नवम नाम शुभ भालचंद्र है
देव विनायक नाम दशम है
गणपति नाम है ग्यारहवें
रिद्धि सिद्धि भगवान
बारव्हा है नाम गजानन
इतकारी अति नाम
गणपति के ये द्वादश नाम
भज मन मेरे आठो याम
चमत्कार करते जीवन में
सदा ही रखते प्रभु की शरण में
द्वादश नाम है मंगलकारी
हर प्राणी के लिए हितकारी
मंगलमूर्ति जी दर्शन देते
अपनी शरण में ले लेते है
ध्याओ श्रद्धा से गणपति को
पूजो भक्ति से निधिपति को
सिद्ध करे हर कारज स्वामी
श्री गणेश है अंतर्यामी
पार्वती सूत को नमन
विनवू बारम्बार
अमृतवाणी में बसे
सबकी सुने पुकार
अतिविशाल मस्तिष्क लिए है
सबकी मन के बाते जाने
अपने शुभ आशीष से देवा
सबकी झोली में डाले दाने
सिद्धि विनायक श्री गणराजा
सृष्टि के है राजा धिराजा
सारे देवता गांव के नायक
गन नायक है जग के पालक
अष्ट विनायक रूप में दर्शन
अति हितकारी देव का पूजन
मंगलमय जीवन कर देते
जीवन ख़ुशियोसे भर देते
भक्तों के रक्षक प्रभु
दुष्टो के है काल
भक्ति भाव से पूजिये
सबको करे निहाल
जय हीरम्ब जय जय महोदर
जय त्रिनेत्र जय पृथ्वीधर
धूम्र वर्ण जय जय लंबोदर
सर्व पूज्य जय जय योगेश्वर
शूपकर्ण जय जय जष्टराज
चिंतामणि जय जय विघ्नराज़
परशु और पाशापुश धारी
शमी पुष्प प्रिय जग हितकारी
जय वरदाता वरद विनायक
सिद्धि प्रदाता सिद्धिविनायक
जग कल्याण हेतु सुखदायक
अष्टधाम में अष्टविनायक
मूषक वाहन वाले देवा
बिकट देव भगवान
आशीर्वाद हमें दो देवा
सिंदूरी गुणवान
महाकाय सूरज सम आभा
भोत गनोसे सेवित बापा
जामुन तय था लडू अन स्वाद
मोदक प्रिय दे आशीर्वाद
जिसके घर में गणपति पूजन
महालक्ष्मी का हो आगमन
सकल देवता करते ध्यान
हर प्राणी का हो कल्याण
दूर्वा प्रिय श्री गणनायक को
शमी पत्र दायक को
बेल बेल पत्रे पर रिजे
शिवानंद का स्वागत कीजिये
भादो मास चतुर्थी को
आते जगत गणेश
भक्तो के घर सज उठे
कृपा करे प्रथमेश
चौक पुराओ मंडप साजो
देवा की मूर्ति बैठा दो
भक्ति भाव से करना पूजा
श्री गणेश न देव न दूजा
भाँति भाँति पकवान चडाओ
भक्ति भाव के दिप जलाओ
श्री गणेश का फ़ैले उजाला
दया करेंगे दिन दयाला
आशीर्वाद मिलेगा पावन
बन जायेगा बिगड़ा जीवन
खुल जाएंगे भाग्य के द्वारे
देवा भक्तो की भाग्य सवारे
चरणों में गिर देव के
भक्तों करो उपाय
देवा का सर पर हाथ हो
सुख संपत्ति मिल जाए
रिद्धि सिद्धि गणराज की रानी
दोनों देवियां है वरदानी
शुभ और लाभ पुत्र है प्यारे
भक्तो की बिगड़ी स्वयंम सवारे
आराधना करो मन सबकी
भली करे गण देवा जग की
श्रद्धा पूर्वक देवों को ध्याओ
इच्छित वर देवा से पाओ
सच्चे ह्रदय से कर जय कार
प्रथम देवता सुने पुकार
पाप शाप अभिमान मिटा दे
सेवा भाव के ज्ञान जगा दे
जय गणनायक देव जी
किया भक्ति गून गान
अमृतवाणी में बसों
सबको दो वरदान