जगत के रंग क्या देखूं” एक प्रसिद्ध भक्ति भजन है, जो संसार की मोह-माया से ऊपर उठकर भगवान के प्रति समर्पण और भक्ति की भावना को व्यक्त करता है। इस भजन में भक्त अपने जीवन के असली उद्देश्य की ओर इंगीत करते हुए भगवान के दर्शन को ही सर्वोत्तम मानते हैं
श्रीकृष्ण भजन के लाभ
- मानसिक शांति और स्थिरता
- प्रेम और करुणा की भावना बढ़ती है
- आत्मिक उन्नति (Spiritual Growth)
- नकारात्मकता से मुक्ति
- एकाग्रता और फोकस बढ़ता है
- कर्मों का शुद्धिकरण
- भगवान का सान्निध्य और कृपा
भजन कैसे करें?
- सुबह-संध्या नियमित समय पर
- मन से, श्रद्धा से, ध्यान लगाकर
- अकेले या संगति में (कीर्तन)
- बांसुरी, मंजीरा, हार्मोनियम आदि के साथ (यदि संभव हो)
Jagat Ke Rang Kya Dekhu Lyrics:
- English
- Hindi
Jagat Ke Rang Kya Dekhun, Tera Deedar Kafi Hai
Kyun Bhatkun Gairo Ke Dar Pe, Tera Darbar Kafi Hai
Nahi Chahiye Ye Duniya Ke, Nirale Rang Dhang Mujhko
Nirale Rang Dhang Mujhko
Chali Jaoon Main Vrindavan
Chali Jaoon Main Vrindavan, Tera Shringar Kafi Hai
Jagat Ke Rang Kya Dekhun, Tera Deedar Kafi Hai
Jagat Ke Saaz Bajo Se, Hue Hain Kaan Ab Behre
Hue Hain Kaan Ab Behre
Kahan Jaake Sunu Bansi
Kahan Jaake Sunu Bansi, Madhur Woh Taan Kaafi Hai
Jagat Ke Rang Kya Dekhun, Tera Deedar Kafi Hai
Jagat Ke Rishtedaron Ne, Bichaya Jaal Maya Ka
Bichaya Jaal Maya Ka
Tere Bhakton Se Ho Preeti
Tere Bhakto Se Ho Priti, Shyam Parivae Kafi Hai
Jagat Ke Rang Kya Dekhun, Tera Deedar Kafi Hai
Jagat Ki Joothi Ronak Se, Hain Aankhen Bhar Gayi Meri
Hain Aankhen Bhar Gayi Meri
Chale Aao Mere Mohan
Chale Aao Mere Mohan, Darash Ki Pyas Kafi Hai
Jagat Ke Rang Kya Dekhun, Tera Deedar Kafi Hai
Kyun Bhatkun Gairo Ke Dar Pe, Tera Darbar Kafi Hai
Jagat Ke Rang Kya Dekhun, Tera Deedar Kafi Hai
Kyun Bhatkun Gairo Ke Dar Pe, Tera Darbar Kafi Hai
जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफी है
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है
नहीं चाहिए ये दुनियां के, निराले रंग ढंग मुझको
निराले रंग ढंग मुझको
चली जाऊँ मैं वृंदावन
चली जाऊँ मैं वृंदावन, तेरा श्रृंगार काफी है
जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफी है
जगत के साज बाजों से, हुए हैं कान अब बहरे
हुए हैं कान अब बहरे
कहाँ जाके सुनूँ बंशी
कहाँ जाके सुनूँ बंशी, मधुर वो तान काफी है
जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफी है
जगत के रिश्तेदारों ने, बिछाया जाल माया का
बिछाया जाल माया का
तेरे भक्तों से हो प्रीति
तेरे भक्तों से हो प्रीति, श्याम परिवार काफी है
जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफी है
जगत की झूटी रौनक से, हैं आँखें भर गयी मेरी
हैं आँखें भर गयी मेरी
चले आओ मेरे मोहन
चले आओ मेरे मोहन, दरश की प्यास काफी है
जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफी है
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है
जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफी है
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है
Credits:
- Singer: Shailendra Bhartti, Kavita Raam
- Music Director: Navin – Manish
- Lyrics: Traditional
- VFX: Tanmay Pawar
- Language: Hindi
- Music Label: Music Nova