महामृत्युंजय मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली वैदिक मंत्र है, जिसे भगवान शिव की स्तुति के रूप में जाना जाता है। यह मंत्र रोग, भय, अकाल मृत्यु, और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा के लिए जाप किया जाता है।
मंत्र जप के लाभ:
- अकाल मृत्यु से रक्षा करता है
- शारीरिक और मानसिक रोगों में लाभदायक
- नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से सुरक्षा
- आत्मबल, साहस और धैर्य में वृद्धि
- शिव कृपा प्राप्त होती है और मोक्ष की दिशा में अग्रसर करता है
कब और कैसे जपें:
- सुबह ब्रह्ममुहूर्त (4–6 बजे) या शाम को शांत मन से जपें।
- रुद्राक्ष की माला से 108 बार जप करना उत्तम होता है।
- भगवान शिव की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर करें।
- जल, बेलपत्र, और धूप-दीप से शिवलिंग का पूजन साथ में करें (यदि संभव हो)।
Mahamrityunjaya Mantra Lyrics:
- English
- Sanskrit
OM Tryambakam Yajamahe
Sugandhim Pushtivardhanam
Urvarukamiva Bandhanan
Mrityor Mukshiya Maamritat
OM Tryambakam Yajamahe
Sugandhim Pushtivardhanam
Urvarukamiva Bandhanan
Mrityor Mukshiya Maamritat
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
Credits:
- Title: Maha Mrityunjaya Mantra
- Singer: Brahmins
- Music Director: Shreerang Aras
- Lyrics: Traditional
- Music Label: Music Nova