“प्रणाम्य शिरसा देवं…” (Pranamya Shirasa Devam) स्तोत्र वास्तव में भगवान गणेश को समर्पित है, जिसे नारद पुराण में संकट नाशक गणपति स्तोत्र के रूप में वर्णित किया गया है। यह मंत्र बीज मंत्र होगा, जिसमें गणेश के १२ रूपों (नामों) का उल्लेख है, जिन्हें प्रातः और संध्या‑संध्या स्मरण करने पर सब प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं और जीवन में सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं
लाभ एवं महत्व:
- त्रिसन्ध्या जाप (सुबह, दोपहर, शाम) करने से बाधाएँ (विघ्न) दूर होते हैं।
- विद्या, धन, पुत्र, मोक्ष, सभी प्रकार की कामनाएँ पूर्ण होती हैं।
- प्रति छः माह स्तोत्र जपने से “सम्पूर्ण फल” मिलता है, और एक वर्ष में सभी सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं
- ब्राह्मणों को लिखकर अष्टभ्यो (brāhmaṇs‑8) समर्पित करने से उनकी विद्या शुद्ध होती है और गणेश की कृपा मिलती है ।
यह स्तोत्र क्यों प्रसिद्ध?
यह सरल, संक्षिप्त और प्रभावशाली — बारह नामों के स्मरण मात्र से जीवन की बाधाएँ दूर हो जाती हैं तथा सफलता और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। इसलिए इसे संकटमोचक गणेश स्तोत्र में गिना जाता है ।
कैसे करें इसका प्रयोग
- सुबह, दोपहर, शाम (त्रिसन्ध्या) में ध्यान-पूजा के समय स्टोत्र का पाठ करें।
- शुरुआती विधि में गणेश का प्रणाम, धूप-दीप आदि शामिल करें।
- जरूरत अनुसार 6 माह तक नियमित जाप करें; फिर शक्ति अनुभूति करेंगे।
- अगर ब्राह्मणों को लिखकर समर्पण करना संभव हो, तो अष्टभ्यो लिखकर समर्पण करें।
Pranamya Shirasa Devam Stotram Lyrics
- English
- Sanskrit
Om Shri Ganeshay Namah
Shri Narad Uvaach
Pranamya Shirsa Devam Gauri Putram Vinayakam
Bhaktavasam Smarennityam Aayuhkamartha Siddhaye
Prathamam Vakratundam Cha Ekdantam Dwitiyakam
Trutiyam Krishna Pingaksham Gajvaktram Chaturthakam
Lambodaram Panchamam Cha Shastham Vikatameva Cha
Saptamam Vighnarajam Cha Dhoomravarnam Tathaashtamam
Navamam Bhalchandram Cha Dashamam Tu Vinayakam
Ekadasham Ganpatim Dwadasham Tu Gajananam
Dwadashaitani Namani Trisandhyam Yah Pathennarah
Na Cha Vighnabhyam Tasya Sarvasiddhikaram Prabho
Vidyarthi Labhte Vidyam Dhanarthi Labhte Dhanam
Putrarthi Labhte Putranmoksharthi Labhte Gatim
Japet Ganpati Stotram Shadbhairmasaihi Phalam Labhet
Samvatsaren Siddhim Cha Labhte Natra Sanshayah
Ashtabhyo Brahmanebhyascha Likhitwayah Samarpayet
Tasya Vidya Bhavetsarva Ganeshasya Prasadatah
Iti Shri Naradpurane Sankashtanashanam Naam
Shri Ganpati Stotram Sampoornam
Shri Gajanana Arpanamastu
ॐ श्री गणेशाय नमः
श्री नारद उवाच
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम्
भक्तावासं स्मरेन्नित्यं आयुःकामार्थसिद्धये
प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम्
तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्
लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च
सप्तमं विघ्नराजम च धूम्रवर्णं तथाष्टमम्
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम्
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम्
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरम प्रभो
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम्
जपेत गणपति स्तोत्रं षड्भिर्मासैः फलं लभे
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशयः
अष्टेभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा यः समर्पयेत्
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः
इति श्री नारदपुराणे संकटनाशनम नाम
श्री गणेश स्तोत्रम सम्पूर्णम
श्री गजानना अर्पणमस्तु
Credits:
- Title: Pranamya Shirasa Devam Stotram
- Singer: Sadhana Sargam
- Music Director: Sohini Mishra
- Arranged by Sanjay Marathe
- Rhythm: Shreedhar Chari
- Flute: Sandeep Kulkarni
- Recorded at LC Studio
- Recordist: Ravi Yadav
- Mix & Mastered: Deep Goswami
- Edit & Gfx: Prem Graphics PG
- Music Label: Music Nova