शिव चालीसा एक भक्तिपूर्ण हिंदी स्तोत्र (चालीसा) है, जिसमें भगवान शिव की महिमा, गुण, रूप और लीलाओं का वर्णन 40 चौपाइयों के माध्यम से किया गया है। “चालीसा” का अर्थ ही है – चालीस श्लोक या चौपाइयाँ।
शिव चालीसा की विशेषताएँ:
- भक्ति भाव से भरपूर: भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों – भोलेनाथ, त्रिपुरारी, नीलकंठ, रूद्र, शंकर, महादेव आदि की स्तुति है।
- सरल भाषा में रचना: आम लोगों के लिए आसानी से समझने योग्य अवधी या ब्रज मिश्रित हिंदी में रची गई है।
- कर्म, ज्ञान और भक्ति का संतुलन: शिव चालीसा न केवल भगवान की महिमा गाती है, बल्कि धर्म, भक्ति और आत्मसाक्षात्कार का मार्ग भी दिखाती है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: नियमित पाठ से मन शांत होता है, घर में शुभता और सकारात्मक वातावरण बनता है।
शिव चालीसा के पाठ का समय:
- प्रतिदिन सुबह या संध्या के समय
- विशेष रूप से सोमवार, महाशिवरात्रि, और श्रावण मास में इसका पाठ अत्यंत फलदायी माना जाता है।
Shiv Chalisa Lyrics:
- English
- Hindi
Turat Shadenan Aap Pathayu
Lava Nimesh Maha Mari Girayu
Aap Jalandhar Asur Sanhara
Suyesh Tumhaar Vidit Sansara
Tripurasur San Yudh Machayi
Sabhi Kripa Kar Leen Bachayi
Kiya Taphi Bhagirath Bhari
Purab Pratigya Tasu Purari
Daanin Mahe Tum Sam Kou Nahi
Sevak Astuti Karat Sadahi
Ved Mahi Mahima Tav Gayi
Akath Anadi Bhed Nahi Paayi
Prakati Udadhi Manthan Te Jwala
Jarat Surasur Bhaye Vihala
Kinhe Daya Tahan Kari Sahayi
Neelkanth Tab Naam Kahayi
Pujan Ramchandra Jab Kinha
Jeet Ke Lank Vibhishan Deenha
Sahas Kamal Mein Ho Rahe Dhaari
Kinhe Pariksha Tabhi Purari
Ek Kamal Prabhu Rakhe Joyi
Kamal Nayan Pujan Chahe Soyi
Kathin Bhakti Dekhi Prabhu Shankar
Bhaye Prasan Diye Ichchita Var
Jai Jai Jai Anant Avinashi
Karat Kripa Sab Ke Ghat Vasi
Dusht Sakal Nit Mohi Satave
Bhramat Raho Mohi Chain Na Aave
Trahi Trahi Main Nath Pukaro
Yehi Avasar Mohi Aan Ubaro
Le Trishul Shatrun Ko Maro
Sankat Te Mohi Aan Ubaro
Maatu Pita Bhrata Sab Hoi
Sankat Mein Puchat Nahi Koi
Swami Ek Hai Aas Tumhari
Aaye Harhu Mum Sankat Bhari
Dhan Nirdhan Ko Det Sadahi
Jo Koi Janche So Phal Pahi
Astuti Kehi Vidhi Karo Tumhari
Shamahu Nath Ab Chuk Hamari
Shankar Ko Sankat Ke Nashan
Mangal Karan Vighna Vinashan
Yogi Yati Muni Dhyan Lagave
Narad Sharad Shish Navavein
Namo Namo Jai Namo Shivaye
Sur Brahmadik Paar Na Paye
Jo Yeh Path Kare Mann Layi
Ta Par Hot Hai Shambhu Sahayi
Raniyan Jo Koi Ho Adhikari
Path Kare So Pavan Hari
Putra Hon Kar Ichcha Koyi
Nishchay Shiv Parsad Tehi Hoyi
Pandit Trayodashi Ko Laave
Dhyaan Purvak Hom Karave
Trayodashi Vrat Kare Hamesha
Tann Nahi Take Rahe Kalesha
Dhup Deep Naivedhya Chadhave
Shankar Sammukh Path Sunave
Janam Janam Ke Paap Nasave
Antdham Shivapur Mein Pave
Kahat Ayodhya Aas Tumhari
Jaani Sakal Dukh Harhu Hamari
Nitya Nem Kar Pratahi
Path Karo Chalis
Tum Meri Manokamana
Purna Karo Jagdish
तुरत षडानन आप पठायउ
लव निमेष महं मार गिरायउ
आप जलंधर असुर संहारा
सुवेश तुम्हार विदित संसारा
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई
सभी कृपा कर लीन बचाई
किया तपहि भगीरथ भारी
पूरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी
दानिन माहे तुम सम कोउ नाहीं
सेवक स्तुति करत सदा हीं
वेद मही महिमा तव गाई
अकथ अनादि भेद नहीं पाई
प्रकटि उदधि मंथन ते ज्वाला
जरत सुरासुर भए विहाला
किन्हे दया तहाँ करी सहाई
नीलकण्ठ तब नाम कहाई
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा
जीत के लंक विभीषण दीन्हा
सहस कमल में हो रहे धारी
किन्हे परीक्षा तबहि पुरारी
एक कमल प्रभु राखेउ जोई
कमल नयन पूजन चाहें सोई
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर
जय जय जय अनंत अविनाशी
करत कृपा सब के घटवासी
दुष्ट सकल नित मोहि सतावें
भ्रमत रहो मोहि चैन न आवें
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो
यही अवसर मोहि आन उबारो
ले त्रिशूल शत्रुन को मारो
संकट से मोहि आन उबारो
मातु पिता भ्राता सब होई
संकट में पूछत नहीं कोई
स्वामी एक है आस तुम्हारी
आए हरहु मम संकट भारी
धन निर्धन को देते सदा हीं
जो कोई माँगे सो फल पाहीं
स्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी
शंकर को संकट के नाशन
मंगल कारण विघ्न विनाशन
योगी यति मुनि ध्यान लगावें
नारद शारद शीश नवावें
नमो नमो जय नमः शिवाय
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय
जो यह पाठ करे मन लाई
ता पर होत है शंभु सहाई
रानियाँ जो कोई हो अधिकारी
पाठ करे सो पावन हारी
पुत्र होय कर इच्छा कोई
निश्चित शिव प्रसाद तेहि होई
पंडित त्रयोदशी को लावें
ध्यान पूर्वक होम करावें
त्रयोदशी व्रत करे हमेशा
तन नहीं ताके रहे क्लेशा
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावें
शंकर सम्मुख पाठ सुनावें
जनम जनम के पाप नसावें
अंतधाम शिवपुर में पावें
कहत अयोध्या आस तुम्हारी
जानी सकल दुःख हरहु हमारी
नित्य नियम कर प्रातः हीं
पाठ करो चालीस
तुम मेरी मनोकामना
पूर्ण करो जगदीश
Credits:
- Title: Shiv Chalisa
- Singer: Lakhbir Singh Lakha
- Music Director: Mahesh Prabhakar, Ashwani Panwar
- Concept: Ashwani Panwar
- Edit & Gfx: Mind Pro
- Music Label: Music Nova