“वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ:” एक अत्यंत प्रसिद्ध गणेश मंत्र है, जिसे अक्सर पूजा-पाठ, कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से पहले बोला जाता है। यह मंत्र भगवान गणेश जी की बुद्धि, सिद्धि, और विघ्न-विनाशक रूप की स्तुति करता है।
शब्दार्थ:
- वक्रतुण्ड = टेढ़े सूँड वाले (गणेश जी का एक रूप)
- महाकाय = विशाल शरीर वाले
- सूर्यकोटि समप्रभ: = करोड़ सूर्यों के समान तेजस्वी
- निर्विघ्नं कुरु मे देव = हे देव! मेरे कार्यों को बिना विघ्न के पूर्ण करो
- सर्वकार्येषु सर्वदा = मेरे सभी कार्यों में सदा
भावार्थ:
हे वक्रतुण्ड, विशाल काय, करोड़ों सूर्यों के समान तेजस्वी प्रभु गणेश! आप कृपा करके मेरे सभी कार्यों को हर समय बिना किसी विघ्न के पूर्ण करें।
मंत्र का उपयोग:
- किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में (जैसे पूजा, यात्रा, नया व्यवसाय आदि)
- बच्चों को पढ़ाई शुरू करवाने से पहले
- किसी कार्य में सफलता की कामना के लिए
- विघ्नों से मुक्ति के लिए
Vakratunda Mahakaya Suryakoti Samaprabha Lyrics
- English
- Hindi
Vakratunda Mahakaya
Suryakoti Samaprabha
Nirvighnam Kuru Me Deva
Sarva Kaaryeshu Sarvada
Vakratunda Mahakaya
Suryakoti Samaprabha
Nirvighnam Kuru Me Deva
Sarva Kaaryeshu Sarvada
वक्रतुंड महाकाय
सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव
सर्व कार्येषु सर्वदा
वक्रतुंड महाकाय
सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव
सर्व कार्येषु सर्वदा
Credits:
- Title: Vakratunda Mahakaya Suryakoti Samaprabha
- Singer: Manoj Tembe
- Music Director: Shreerang Aras
- Lyrics: Traditional
- Language: Hindi
- Label: Music Nova